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युक्रेन पर बरपता अमरीका और रुस का कहर

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इससमय दुनिया में कोरोना तथा उसके पीढियों का ही संक्रमण नहीं चलरहा है बल्कि शक्ति राष्ट्रों की मानविय ताकतों का अहंकार का टकराव भी साथसाथ  चलरहा है । लगता है महाशक्ति बनने होड में दुनिया का शक्ति शक्तिसमीकरण का फेरबदल होने का क्रम जोर शोर से चलरहा है ।   पिछले साल मौजूदा महाशक्ति अमरीका के अफगानिस्तान से बोरिया बिस्तर बाँध लेने बाद लगता है, उसकी पकड अब दुनिया से ढीली पडने लगी है । अफगानिस्तान से उसके वापस जाने से उभरी रिक्तता को पुरी करने के लिए अमरीका के नापसंद चीन, ईरान और रुस काफी मसक्कत कररहे हैं । यह अमरीका के लिए अच्छी खबर नहीं है । वैसे अमरीका ने चीन के बढते प्रभाव को रोकने के लिए अफगान समस्या में उलझे रहने की बजाय एशिया प्रशान्त क्षेत्र में चीन विरोधी ताकतो को इकट्ठा करना ज्यादा मुनासीब समझा है ।    इससमय युक्रेन का मसला सुर्खियो में है । अमरीका दावे के साथ कहरहा है कि रुस ने युक्रेन की सीमा पर युद्धक साजो सामान से लैस एक लाख सैनिको तैनात किया है । उसको लगता है कि रुस युक्रेन पर आक्रमण के तैयारी में है । परन्तु रुसी राष्ट्रपति पुतीन बारबार बता चुके हैं कि युद्...