भयानक बाढ की संभावना है : समय रहते संभलने की जरुरत

बाढ जैसे प्राकृतिक विपदा ओं को पुरा निषेध नहीं किया जा सकता परन्तु नुक्सानी को जरुर कम किया जा सकेगा । हिमालय से निकल कर दक्षिण की ओर बहनेवाली अधिकांश नदियाँ नेपाल से आकर भारत की गंगा नदी में मिलती हैं और बंगलादेश होते हुये बंगाल की खाडी में जा गिरतीं है । बरसात के समय इन नदियों में आनेवाली बाढ से सालना कई जानें चली जाती हैं और आर्थिक रुपसे काफी बडी नुक्सानी उठानी पड रही है । सदा की भाँती इससाल भी बाढ का कहर नेपाल, भारत और बंगलादेश में टुट पडा । जब नदियों में बाढ आती है मानवीय और धनमाल की क्षती हो जाती है तब हाय तौबा मच जाता है । लोगों की चीत्कार सुनाई देती है । उद्धार की अफरातफरी चलती है । वहाँ मानवीय संवेदनाओं की वजाय वोटों का सियासी प्रेत का साया घुमता नजर आता है । फिर कुछ ही दिनों में घाव भरे ना भरे, सालाना चलनेवाली सेड्यूल की भाँती इस आपदा को भुला दिया जाता है । भारत ने तो नेपाल के शरहद के पास कई ...