सैन्यअभ्यास में नेपाल पर्यवेक्षक

काठमाण्डौ में चलरही बिमेष्टिक सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्रदामोदर मोदी ने बिमेष्टिक सदस्य देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त सैनिक अभ्यास का प्रस्ताव रखा था । भारत के पुने में बिमेष्टिक का पहला सैनिक अभ्यास का इसी सोमवार से शुरु होना था । तीस नेपाली सैनिको की टुकडी को वहां भेजने की तैयारी थी साथ में अवलोकन के लिए प्रधानसेनापति पूर्णचन्द्र थापा का जाना भी लगभग तय था । परन्तु आखिर में प्रधानमंत्री खड्गप्रसाद ओली ने रक्षामंत्रालय को कार्यक्रम में टुकडी को न भेजने निर्देश दिया । नेपाल के इसतरह के निर्णय से भारत में आश्चर्य के साथ देखा जारहा है । परिस्थिती के मध्येनजर फिर रविवार को काठमाण्डौ में अधिकारियो ने बताया है कि नेपाली सेना सिर्फ पर्यवेक्षक के रुपमें अभ्यास हिस्सा लेगी । जबसे यह बात सम्मेलन में उठी तब से ही नेपाल में इसके खिलाफ सरकार पर जबरदस्त दबाव था । यह अभ्यास भारत के पक्ष में एक सामरिक गठबन्धन की ओर लक्षित बताया गया था । ऐसा होने का मतलब था चीन और पाकिस्तान के प्रति नेपाल की छवी पर असर होना । वाकई में ऐसा होना नेपाल के लिए अच्छा नहीं हो सकता था । ...