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कालापानी सिमा विवाद : नक्शों में छेड खानी

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कालापानी सिमा विवाद दोनो देशो के बीच विश्वास और अपनत्व कि अग्नि परीक्षा हो सकती है। सन् १८१५ से भारत में शासन कर रही अंग्रेजी हुकुमत और हिमालय के तलहटी पर फैले छोटे से राज्य गोरखा के शासक पृथ्वीनारायण शाह द्वारा विस्तारित गोरखा साम्राज्य जिसको काठमाण्डौ घाटी पर फतह पाने के बाद नेपाल कहा जाने लगा था के बीच भयानक युद्ध छिड गया था । नेपाल तब पुरब में टिस्ता नदी से पश्चिम में वर्तमान हिमाचल प्रदेश के काँगडा तक फैलगया था । उस समय नेपाल राजा ग्रिवणयूद्ध वीर विक्रम और सेनापति अम्मर सिंह थापा थे । नेपाली सेना ने बडी वीरता के साथ अंग्रेजों के खिलाफ लडा और कई मोरचे में अंग्रेजों की आधुनिक सेना के छक्के छुडाये । देहरादून के नालापानी किले में नेपाल दुर्गपति बलभद्र कुंवर के नेतृत्व की छोटी टुकडी ने अपनी खुकुरी, कुछ पुरानी बन्दुकों और पत्थरों के बल पर सैकाडों अंग्रेज सैनिको को ढेर कर दिया था । इस युद्ध में गोरखों की वीरता को सम्मान करते हुये अंग्रेजों ने एक शिलालेख भी स्थापित किया था । लम्बे समय तक चले जंग में अन्तत नेपाल की हार हुई थी । सन् १८१६ मार्च ४ तरीख के दिन सुगौली में दोनों पक...

सचमुच नेपाल कालापानी को लेकर सौदेबाजी कर रहा है ?

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कहने को नेपाल और भारत बीच के सम्बन्धो मे फासले बहुत कम है परन्तु बितते समय के साथ फासले  बढ्ने के आसार नजर आने लगे है। कालापानी विवाद दोनों के लिए कहिँ  कील न बन जाये।   भारत द्वारा ६ नभेम्वर को जारी अपने संशोधित नक्शे में कालापानी को अपनी ओर दिखाने के बाद आरोप प्रत्यारोप का बौछार जारी है । मूलधार की मिडिया से लेकर सोसल मिडिया  की सूचनाओं में बहुत सारी भ्रान्तियाँ और उत्तेजना देखने को मिलती है । नेपाल में बढते आक्रोश को देखते हुये भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने नेपाल की ओर सिमा पर किसी संशोधन को इन्कार किया है । नेपाल सरकार ने भी एक पक्षिय रुपसे सिमा पर किये गये किसी संशोधन को अस्वीकार करते हुये लिम्पियाधुरा तक की जमिन पर दावा किया है ।    भारत में स्वयंम् को विज्ञ दावी करनेवाले कुछ लोग तो यहाँ तक कह रहे हैं कि नेपाल कालापानी को लेकर भारत के साथ सौदेबाजी कर रहा है तो कुछ बडे बैनर के कुछ कुटनीतिज्ञ चेतावनी भरे अन्दाज में कह रहे हैं कि इस मसले पर नेपाल को खामियाजा भुगतना पड सकता है । कालापानी में भारतीय सैनिकों उपस्थिति को लेकर नेपाल म...

कालापानी अतिक्रमण : राजनीतिक र कूटनीतिक सक्रियताको विकल्प छैन

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  भारत को सिमा सुरक्षामा प्राण आहुति दिंदैआएका नेपालीहरुको आफ्नै मातृभूमि भारतबाट आतिक्रमित हुनु दुखद हो । पाकिस्तान र चीनसंगको युद्धमा बगेको  नेपाली को रगतको पुरस्कार कालापानी कब्जा गरेर दिएको हो ? भारतले सम्बेदनशिलतालाई बुझोस् ।  भारतले हालसालै प्रकाशित गरेको आफ्नो नक्शामा महाकाली पूर्वको नेपाली भुभाग एकपक्षिय ढंगले आफ्नो नक्सामा देखाएको भन्दै नेपालमा आक्रोश फैलिएको छ । भारतको नेपाली भूमिमाथि भएको यस प्रकारको सैनिक हस्तक्षेपले नेपालीहरुमा लामो समयदेखि व्यापक असन्तुष्टि रहँदै आएको छ । नोवेम्वरका ७ दिन सरकारका प्रवक्ता संचारमंत्री गोकुल वास्कोटाले कालापानी लिपुलेक क्षेत्रमा नेपाली भूभागमाथि भारतको एकपक्षीय दावी अस्वीकार्य भएको र कूटनीतिक ढंगबाट समाधानकालागि सक्रिय रहने बताएका छन् । नेपालमा सिमानाको विषयलाई लिएर देखिएको व्यापक असन्तुष्टिपछि भारतीय विदेशमंत्रालयका प्रवक्ता रवीश कुमारले पनि पत्रकारहरुलाई सम्बोधन गर्दै नेपाल तर्फको सिमानामा नयाँ नक्शामा केही परिवर्तन नगरिएको र त्यहाँ नक्शाङकन गरिएको भूमि भारत कै भएको बताएका छन् । नेपाल भारतबीचमा भएका सिमा सम्बन्ध...