संदेश

अयोध्या#भारत#नेपाल#हंगामा लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ओली की अयोध्या और अन्तकरण की बात

चित्र
हिन्दू ओं की पौराणिकता ग्रन्थों पर आधारित हैं । यह विरासत आज भी विश्वास के बल पर बलिष्ट है । यह सत्य है कि स्थान, पात्र और समय के लिहाज से बहुत कुछ प्रमाणित होना बाँकी है । अगर ऐसा हो भी जाता है तब पौराणिकता इतिहास में बदल जायेगा । नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने फिर एकबार वर्तमान अयोध्या को नकली बताकर नयाँ हंगामा खडा कर दिया । इससे बढकर उन्होने यहाँ तक कहा कि अयोध्या वर्तमान नेपाल के शरहद के अन्दर ही है । ओली महोदय को हलकी फुलकी बातों को लेकर चरचे पर आने का चस्का लगा ही रहता है । सो इसबार भी दिखा । इस समय देश में बाढ और भूस्खलन का मातम चल रहा है और दक्षिणी सिमा पर नेपाली लोग अपनी जमिन को भारत की ओर से छिने या डुबोये जाने की पीडा का बयान कर रहे हैं फिर भी ओलीजी अयोध्या के मसले पर कुद पडे हैं । जैसे कि इसे तत्काल निबटाने की आवश्यकता है । कुछ दिन पहले एक मित्र ने फोन पर कहा था कि, ओली शायद किस समय, किस जगह, किन बातों को कहना है खयाल नहीं रख पाते हैं । बस बोल ही देते हैं ।  उनको नजदीक से जननेवालों का कहना है कि वह अपने नापसन्दों पर बजह बेबजह जहरिले साँप की भाँती कभी पिछा नहीं छो...