भेलेन्टाईन के दिन कश्मिर में खुन की होली : क्या समाधान नहीं है ?

इससाल चौदह फरवरी के दिन एक ओर कई युवायुवतियोँ के बीच सदा की तरह भेलेन्टाईन दिवस के अवसर पर पुष्प और कार्डों का आदान प्रदान हो ही रहा था कि अचानक कई खुशियों को पैरों तले रौंदता हुआ दिल दहलादेनेवाला समाचार सनसनाती बिजली की तरह आया । समा चार मेंं भारतिय सुरक्षाकर्मियो पर कश्मिर के पुलगाम में घात लगाकर कातिलाना हमला किये जाने का उल्लेख था । सेना समाधान नहीं है वारदात में चालिस से अधिक सुरक्षाकर्मियों की जाने चली गयी थी । समाचार सुनते ही लगा कि पैरों तले की जमीन खिसक गई । सच में यह इन्सानियत को शर्मसार करनेवाली वारदात थी । इसकी जितनी भी निन्दा की जाये कम है । जैस ए मोहम्मद नामक भारत में दहशतगर्दी मचानेवाले संगठन के बीस साल के एक कश्मिरी मनचले आत्मघाती युवक ने विस्फोटक पदार्थो से लदे एक कार से सुरक्षाकर्मी सवार श्रीनगर की ओर जारही गाडियों के काफिले की एक गाडी को ठक्कर देकर विस्फोट किया था । सैनिक जवान कोई मशीन नहीं होता । बह भी कई सारे जज्बातों को अपने आप में समेटता हुआ एक इन्शान ही होता है । उसके आगे तो देश होता है परन्तु उसके पिछे भी अपना एक...