कटाक्षः नेपाल चीन के गोदी में बैठ गया ?
नेपाल का भारत के साथ इन दिनों सीमा विवाद पर उलझन चल रहा हैं । चीन भी रह रह कर नेपाल के जमीन पर कब्जा करने को लेकर सूर्खियों में आता है । पिछले साल भारत ने लीपुलेख कालापानी की विरान और बंजर जमीन पर बस् सडक ही तो बनाकर उद्घाटन किया था । अचानक नेपाल ने चिल्ल पों मचाना शुरु कर दिया कि यह उसकी जमीन है । क्या कोई बडे बडे भाई को नन्हे से भाई इत्ती सी बात के लिए भी पुछता है क्या ? बताईए । उधर चीन जो है कभी एभरेष्ट को अपना बताता है तो हुम्ला में नेपाली जमीन पर इमारत खडा कर रहा है । हेकडीबाज । भारत की जमीन पर भी आ बैठा है । विस्तारवादी लुच्चा । भारत अब विदेशों से रफाईल ला चुका है, अब उसके दाँत खट्टे हो जायेंगे । सन् २०१५में उस चीन ने भी लीपुलेक को भारत का बता कर दस्तखत कर चुका है । नेपाल है कि भारत को ही कोसता रहता है । करोडों हिन्दू और बौद्ध श्राद्धालुओं का पावन तीर्थस्थल कैलाश मानसरोवर तक जाने के लिए सडक बनाना क्या कोई गलत काम है ? इतने पवित्र काम को विरोध कर नेपाल कितना बडा पाप कर रहा है । शायद उसे अन्दा...