लगता था दोनाें देश की सेना नहीं मिडिया स्टुडियो से जंग लड रहा था । अप्रैल २२ को पहलगाम में हुये आतंकी हमले से लेकर मई १० तक भारत और पाकिस्तान के बीच चलरहा तनाव से माहौल गर्म था । मई ७ तारीख से तनाव और भी गहरा हो गया था , मिसाईल और ड्रोनों से हमले तक की भी खबरें थी । दोनों के बीच हवाई टकराव चलरहा था । दोनों ओर से ड्रोन हमले तक की खबरें थी । कई युद्धक विमानों के गिरने और धनजन की क्षती के दावे अपने मुताबिक ठोके जारहे थे । हालात उत्कर्ष की ओर जाने का अंदेशा होने लगा था । भारत में ही नहीं उसके पडोसी देश नेपाल के हरएक गली नुक्कडों तक में मसले को लेकर चरचे चल रहे थे । पुलवामा हमले में एक नेपाली नागरीक की भी हत्या हुई थी । इसलिए भी नेपाल में चरचों का होना लाजिमी था । भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर मिसाईल प्रहार के बाद पाकिस्तान ने भी जबावी कार्यवाही शुरु कर दिया था । पाकिस्तान जबावी कार्यवाही करने के स्तर तक आगे बढेगा किसी को विश्वास ही नहीं था, शायद भारतको भी नहीं । कहाँ शक्तिशाली भारत कहाँ कमजोर पाकिस्तान, आम लोगों की यही पारम्परिक सोच थी । विगत मे...
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